11. २. प्रथम, द्वितीय तथा उसके बाद हर सम या दूसरा पद पदांत तथा तुकांत युक्त होता है. 12. ' स्पष्ट है, द्विवेदी जी परंपरागततुकांत छंदों के स्थान पर पदांत में अनुप्रासहीन छंद लिखने की सलाह देरहे थे. 13. यह दोहा का विधान है किन्तु प्रथम दो पंक्तियों में दीर्घ पदांत है जो दोहे में वर्जित है. 14. प्रत्येक पद में १३ मात्राएँ तथा पदांत में लघु गुरु लघु या लघु लघु लघु लघु होना आवश्यक है. 15. १. प्रथम, द्वितीय तथा उसके बाद हर सम या दूसरा पद पदांत तथा तुकांत युक्त होता है. 16. प्रत्येक पद में १ ३ मात्राएँ तथा पदांत में लघु गुरु लघु या लघु लघु लघु लघु होना आवश्यक है. 17. मुक्तिका या ग़ज़ल में तुक के 2 प्रकार पदांत व तुकांत होते हैं जिन्हें उर्दू में क़ाफ़िया व रदीफ़ कहते हैं । 18. डॉ. अनिल जैन के अंग्रेजी ग़ज़ल सन्ग्रह 'ऑफ़ एंड ओन' की रचनाओं में पदांत तो समान है पर लयखंड समान नहीं हैं. 19. मुक्तिका या ग़ज़ल में तुक के 2 प्रकार तुकांत व पदांत होते हैं जिन्हें उर्दू में क़ाफि़या व रदीफ़ कहते हैं । 20. महत्व इनमें तुकांत और पदांत हो तो और भी बढ़ जाता है इसलिए इस छन्द में भी तुकांत और पदांत का बहुत महत्व है…