11. बिना इसके छूटे परस्पर का व्यवहार पूरा उपकार और अभिप्राय सिद्ध होना कठिन है। 12. बिना इसके छूटे परस्पर का व्यवहार पूरा उपकार और अभिप्राय सिद्ध होना कठिन है। 13. बिना इसके छूटे परस्पर का व्यवहार पूरा उपकार और अभिप्राय सिद्ध होना कठिन है। 14. एक दूसरे के प्रति विरोध कलह और विभेद से हम परस्पर का विनाश ही करेंगे। 15. दलों के मध्य परस्पर का विद्वेष भाव इस प्रकार की व्यवस्था से समाप्त किया जा सकेगा। 16. प्रार्थना करें कि हे प्रभु! यह नियम न टूटे, हमारा परस्पर का पवित्र संबंध न टूटे। 17. दो या अधिक भाषाओं के शब्दों की खिचड़ी बोली जिससे परस्पर का कार्यव्यापार चल जाए वह पिजिन कहलाती है । 18. दो या अधिक भाषाओं के शब्दों की खिचड़ी बोली जिससे परस्पर का कार्यव्यापार चल जाए वह पिजिन कहलाती है । 19. यही मूल कारण है कि प्राचीन कल्पनाविलासी दर्शन परस्पर का खण्डन करते हुए किसी भी मुद्दे पर एकमत नहीं हो पाते। 20. विप्रलम्भ में नायक और नायिका के निविड़तम पारस्परिक स्मरण-चिन्तन के फलस्वरूप स्फूर्ति में परस्पर के निकट परस्पर का आविर्भाव होता है।