11. क्रोध और निराशाएं-कविता के पुंसत्व के लिए बेहद ज़रूरी माल; 12. अपने पुंसत्व का यह डिप्लोमा पाकर उससे कहीं ज्यादा प्रसन्न हुए, 13. ये आत्मा को झकझोरते हैं और उन्हें जीवंत, पुंसत्व से भरपूर बनाते हैं. 14. ये आत्मा को झकझोरते हैं और उन्हें जीवंत, पुंसत्व से भरपूर बनाते हैं. 15. बतलाओ तो आखिर तुम्हारी समझ में स्त्रीत्व पुंसत्व का आरंभ कैसे हुआ? ” 16. भाषा वैज्ञानिकों की मान्यता है कि पुंसत्व व स्त्रीत्व का लिंग-भेद बाद की घटना है। 17. सुबह तब्दील हो जाता है एक उभयलिंगी केंचुए में अपार पुंसत्व का स्वामी वह कलाकार। 18. एक, तीसरी आँख पर केंद्रित होकर तुम्हारी कल्पना पुंसत्व को, शुद्धि को उपलब्ध हो जाती है। 19. पुंसत्व की संजीवनी बतायी जाने वाली यारसा गम्बू की तस्करी अब चीन को की जाने लगी है।20. और पुंसत्व नाश तो अक्सर होता है शरीर की शुक्र-कीट बनने की क्षमता नष्ट हो जाती है।