11. दोनों ही स्थितियों में उसे गायत्री रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए, ऐसा आचार्य शंकर का मत है। 12. दोनों ही स्थितियों में उसे गायत्री रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए, ऐसा आचार्य शंकर का मत है। 13. यह तृतीय भाव, भावेश व उसका कुंडली में उत्तम स्थान पर प्रतिष्ठित होना भी महत्वपूर्ण है। 14. दोनों ही स्थितियों में उसे गायत्री रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए, ऐसा आचार्य शंकर का मत है। 15. का महिमामंडन बाहर तो बहुत हुआ, परंतु अपने घर में जिस तरह से उन्हें प्रतिष्ठित होना चाहिए 16. दोनों ही स्थितियों में उसे गायत्री रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए, ऐसा आचार्य शंकर का मत है। 17. यानि कि इस एक तत्त्व को उसके साधना जीवन में चरम आदर्श के रूप में प्रतिष्ठित होना चाहिए। 18. इसलिये लोग छलकपट और अपराध करके अधिक से अधिक धन कमा कर समाज में प्रतिष्ठित होना चाहते है। 19. इसलिये लोग छलकपट और अपराध करके अधिक से अधिक धन कमा कर समाज में प्रतिष्ठित होना चाहते है। 20. अतःएव उसे गौण रुप में देखते हुए परम लक्ष्य मे प्रतिष्ठित होना ही दृष्टि का प्रधान विषय होता है।