11. इनकी अन्तर एवं प्रत्यन्तर दशाओं के क्रम में इन ऊर्जा प्रवाहों के परिवर्तन क्रम की सूक्ष्मता समझी जाती है। 12. सन् 1986 में वायुसेना में प्रवेश के बाद राहु अन्तर्दशा व मंगल प्रत्यन्तर में एविएशन इंजीनियरिंग में बी. 13. इस समय आपकी कुण्डली में मंगल की दशा में राहु की अन्तर एंव केतु की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। 14. जब-जब द्वितीयेश की महादशा में सप्तमेश का अंतर और अष्टमेश का प्रत्यन्तर आ जाए, तो आयु को खतरा होता है। 15. वर्तमान में आपकी जन्मपत्री में गुरू की महादशा में राहु की अन्तर दशा एंव सूर्य का प्रत्यन्तर चल रहा है। 16. इसके सूक्ष्म अन्तर-प्रत्यन्तर मंत्र विद्या के अन्तर-प्रत्यन्तरों के अनुरूप प्रभावित, रूपान्तरित व परिवर्तित किए जा सकते हैं। 17. जन्म के समय सूर्य की महादशा में मंगल के अन्तर में होकर शनि का प्रत्यन्तर होनें से कष्टों मे रहेगा। 18. वर्तमान में आपकी जन्मतालिका में मंगल की दशा में, शनि की अन्तर एंव बुध की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। 19. जब-जब द्वितीयेश की महादशा में सप्तमेश का अंतर और अष्टमेश का प्रत्यन्तर आ जाए, तो आयु को खतरा होता है। 20. पुन: इन्ही ग्रहों की प्रत्यन्तर दशा एवं सूक्ष्म दशा में परस्पर आपसी शुभ संबंध होने पर व्यक्ति करोड़पति बन जाता है।