11. तो भी यह प्रथम फल आप ही के श्रद्धेय चरणों में भक्तिपूर्वक समर्पित करता हूँ। 12. इसलिए प्रथम फल का पर्व अर्थात् पुनरुत्थान का दिन प्रत्येक साल रविवार को मनाया जाता है। 13. गुडजिह्विकान्याय से आनुषंगिक फलों को दर्शाने की इच्छा से श्रीवसिष्ठजी पहले शब्दव्युत्पत्तिरूप प्रथम फल कहते हैं। 14. यीशु मुर्दों में से जी उठे, और जो सो गए थे उनमें वह प्रथम फल हुए। 15. इसी कारण वे संसार के असंख्य लोगों में से, प्रथम फल के रूप में बचाए जाएंगे। 16. यीशु प्रथम फल के पर्व की भेंट बना जो सदा की वाचा, तीन बार में सात पर्वों का है। 17. सप्ताहों का पर्व कहे जाने का कारण यह है कि प्रथम फल के पर्व और पिन्तेकुस्त के बीच में सात सब्त थे। 18. क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में वे निर्दोष व प्रथम फल के रूप में परमेश्वर की सब से सम्पूर्ण और पहली सृष्टि है। 19. प्रथम फल के पर्व की भेंट, पहली फसल का एक पूला सब्त के अगले दिन यानी रविवार में परमेश्वर के सामने चढ़ाया जाता था।20. यूँ कि, ठिगनी, बंजारन चिड़िया ने प्रेम का प्रथम फल रख दिया हो पेड़ के मुख में, और 'लज्जा' के हार्मोन्स बनने लग गए हों तुरंत ही.