11. जो पुरूष अप्राप्त वस्तु की आकांक्षा न रखता हो और जो प्राप्त वस्तु में समभाव रखता हो. 12. विश्वास सुने हुए मैं करना है, उपयोग प्राप्त वस्तु का करना है और जानना अपने आपको है। 13. क्षेम (प्राप्त वस्तु की रक्षा का नाम 'क्षेम' है।) को न चाहने वाला और स्वाधीन अन्तःकरण वाला हो॥45॥ यावानर्थ उदपाने 14. (अप्राप्त वस्तु की प्राप्ति) और क्षेम (प्राप्त वस्तु का रक्षण) का प्रबन्ध मैं ही करता हूँ। 15. एक तो अपने सामर्थ्य से अधिक वस्तु की प्राप्ति करने का प्रयास करना दूसरा सहजता से प्राप्त वस्तु के लिये उद्यम करना। 16. एक तो अपने सामर्थ्य से अधिक वस्तु की प्राप्ति करने का प्रयास करना दूसरा सहजता से प्राप्त वस्तु के लिये उद्यम करना। 17. ~ अश्वघोष जो अप्राप्त वस्तु के लिए चिंता नहीं करता और प्राप्त वस्तु के लिए सम रहता है, वह संतुष्ट कहा जा सकता है। 18. ' ' प्रभास ने फिर समझाया-‘‘ देवी! चोरी और छल से प्राप्त वस्तु को परोपकर में भी लगाने से पुण्य-फल नहीं होता। 19. वर्तमान वर्ष के दौरान ' तापीय कोयला' और 'कार्बन क्रेडिट' के लिए भी मान्यता प्राप्त वस्तु विनिमय के आधार पर व्यापार की अनुमति दी गई है। 20. जो अप्राप्त वस्तु के लिए चिंता नहीं करता और प्राप्त वस्तु के लिए सम रहता है, जिसने न दुख देखा है, न सुख-वह संतुष्ट कहा जाता है।