11. नफ़ासत और नज़ाकल से रगडते हैं लोगबाग अब, कित्ता रगड लें, बेढंग नहीं होते 12. इस वक्त मेरी सृष्टि जो बेढंग बनी हुई है, उसे वापस होने लायक़ वर दीजिए। 13. इसी कारण ही तो आज तक उसके ढंग-बेढंग सभी कृत्यों को उपेक्षित करती आई थी। 14. इसी कारण ही तो आज तक उसके ढंग-बेढंग सभी कृत्यों को उपेक्षित करती आई थी। 15. बेढंग और निर्मम समय की छीछालेदर करता प्रोढ़ अपने आपको इस भीड़ में अकेला महसूस कर रहा है ।16. जीवन का ये एक चटख रंग बिन इसके सब कुछ है बेढंग छिपी दिखे इसमें अभिलाषा प्रीति यही है? ना.... 17. यदि हम किसी से बेढंग तरीके से बात करें तब तो लोगों को बड़ा अच्छा लगता है “की, हाँ तुम्हारे पापा/मम्मी तो 18. नाटक में बेढंग की याद्दाश्त खो जाती है, लेकिन उसके व्यक्तित्व का मूल प्रेम और प्रेम करने की सतत प्रवृत्ति बरकरार रहती है। 19. लेकिन पिछले कुछ सालों से संगीत की दुनिया में ढंग बेढंग के गाने आ रहे हैं जिससे बच्चे सोने के बजाय डर जाते हैं। 20. हम चिन्तित रहते, उनके खत्म होने की बात पर नहीं, उसके ढंग की सोच सोच कर, या यों कहें बेढंग की।