11. इसकी दीक्षा भक्तियुक्त शिष्य को ही देनी चाहिए अन्यथा मृत्यु की प्राप्ति होती है । 12. हे राजन! भक्तियुक्त चित्त से यह आप किस तरह का व्रत और पूजन कर रहे है। 13. भक्तिशून्य शक्ति मानव को राक्षस बनाती है जबकि भक्तियुक्त शक्ति मानव को देवत्व प्रदान करती है। 14. जीवात्मा और परमात्मा में रक्ष्य-रक्षक भाव है वह उल्टा हो जाता है अत्यंत भक्तियुक्त संतों में । 15. भक्तियुक्त मनुष्य कहता है, “हे प्रभु! मुझे धन-दौलत, मान-प्रतिष्ठा, सुख-शान्ति, स्वास्थय अथवा अन्य कुछ भी नहीं चाहिये।16. इसके विपरीत मन्दिर में जाते ही सभी मनुष्यों के भाव स्वतः पवित्र और भक्तियुक्त हो जाते हैं । 17. आज आकाश मेघाच्छन्न हो सकता है, पर ईश्वर से की गई भक्तियुक्त प्रार्थना उन्हें अवश्य छांट देगी। 18. उसके भक्तियुक्त वचन सुनकर श्री सत्यनारायण भगवान प्रसन्न हो गए और उसकी इच्छानुसार वर देकर अंतर्ध्यान हो गए। 19. भक्तियुक्त विष्णुचित्त मथुरा आये और पांड्य नृपति ने आदर पूर्वक स्वागत कर के सभा में स्थान दिया ।20. उसके भक्तियुक्त वचन सुनकर श्री सत्यनारायण भगवान प्रसन्न हो गए और उसकी इच्छानुसार वर देकर अंतर्ध्यान हो गए।