11. विशेषकर अहंकारी, मूर्ख, भाव-शून्य, दरिद्र और भक्तिहीन लोगों को इसे न देना चाहिए । 12. भक्तिहीन व्यक्ति की सज्जाति और उसका शास्त्रज्ञान, जप, तपादि मृत देह के अलंकार के समान किसी काम के नहीं।13. परन्तु जो काम नहीं करता वरन् भक्तिहीन के धर्मी ठहरानेवाले पर विश्वास करता है, उसका विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिना जाता है। 14. परन्तु जो काम नहीं करता वरन भक्तिहीन के धर्मी ठहरानेवाले पर विश्वास करता है, उसका विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिना जाता है। 15. रीतिकाल भक्तिहीन नहीं है, उस काल में भी सांसारिक प्रपंच में रहते हुए विश्व और विश्वात्मा को उद्वेलित करने वाले प्रेम-व्यापार की चिन्ता थी। 16. रीतिकाल भक्तिहीन नहीं है, उस काल में भी सांसारिक प्रपंच में रहते हुए विश्व और विश्वात्मा को उद्वेलित करने वाले प्रेम-व्यापार की चिन्ता थी। 17. मैने सुबह धारण करने से पूर्व अपने भक्तिहीन , क्रियाहीन होने की आप कबूली की और प्रार्थना की भगवान मुझे सदबुद्दि प्रदान करें... । 18. पाप को अनदेखा करना, जिसने परमेश्वर को अधार्मिक प्रतीत होता दिखाया, के लिए अन्य शब्द है “धर्मी ठहराना”-भक्तिहीन का धर्मी ठहराया जाना (रोमियों 4: 19. ये भक्तिहीन हैं, और हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते हैं, और हमारे अद्वैत स्वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं॥ 20. हे शबरी! ये सब होते हुये भी (ऊपर लिखी चीजें) भक्तिहीन (भक्ति न करने वाला) इंसान उसी प्रकार शोभा पाता है ।