भस्मक रोग (बार-बार भूख लगना) में गूलर की जड़ का रस चीनी के साथ पिलाने से लाभ मिलता है।
12.
अगर भस्मक रोग (ज्यादा खाने का रोग) हो तो दिन में तीन बार यह चूर्ण लें.
13.
रोग शालपर्णी और अर्जुन की जड़ को बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर पीने से भस्मक रोग मिट जाता है।
14.
इसे अत्यंत भूख लगने (भस्मक रोग), अधिक प्यास लगने, इन्द्रियों की निर्बलता और सन्तानहीनता को दूर करने वाला बताया है।
15.
शिशु की नाल या खेड़ी निकालना: 10 ग्राम गूलर की छाल को स्त्री के दूध में मिलाकर पीने से भस्मक रोग ठीक हो जाता है।
16.
2. अतिक्षुधा भस्मक रोग: 5 ग्राम मीठा सोडा खाना-खाने के 1 घंटा पहले 1 कप गर्म पानी के साथ घोलकर 3-4 दिन तक रोजाना सेवन करें।
17.
अर्थात गौ का मांस केवल वातजन्य रोगों में, पीनस रोग में, विषम ज्वर में, सूखी खांसी में, परिश्रम वाले कार्य करने पर, भस्मक रोग में, मांसक्षयजन्य रोग में लाभप्रद होता है।
18.
भस्मक रोग जिसमें बहुत भूख लगती है और खाया हुआ अन्न भस्म हो जाता है परंतु शरीर कमजोर ही बना रहता है, उसमें अपामार्ग के बीजों का चूर्ण 3 ग्राम दिन में 2 बार लगभग एक सप्ताह तक सेवन करें।
भस्मक रोग sentences in Hindi. What are the example sentences for भस्मक रोग? भस्मक रोग English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.