11. ज़मीन्दारों, मीरासदारों और ख़ुदकाश्तों के अधिकार में स्पष्टतः निजी भू-स्वामित्व के तत्व मौजूद थे। 12. एक प्रस्ताव पर भू-स्वामित्व की जांच का कहा तो दो को अन्य कारणों से रोक दिया। 13. भू-स्वामित्व की इन तीनों ही व्यवस्थाओं के तहत किसान कभी अपनी मर्जी के मालिक नहीं रहे।14. भू-स्वामित्व की इन तीनों ही व्यवस्थाओं के तहत किसान कभी अपनी मर्जी के मालिक नहीं रहे।15. भू-स्वामित्व की इन तीनों ही व्यवस्थाओं के तहत किसान कभी अपनी मर्जी के मालिक नहीं रहे।16. साफ है कि भू-स्वामित्व के मामले में अब ओबीसी और सवर्ण जातियों में ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। 17. कालांतर में भू-स्वामित्व एवं अन्न-उत्पादन का कार्य कुछ हाथों तक सिमटने से शिल्पकार वर्ग को भी धक्का लगा. 18. रैयतवारी बन्दोबस्त के क्षेत्रों में सामन्ती भू-स्वामित्व के अतिरिक्त छोटे पैमाने के किसानी स्वामित्व को भी सुव्यवस्थित किया गया। 19. साफ है कि भू-स्वामित्व के मामले में अब ओबीसी और सवर्ण जातियों में ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। 20. औपनिवेशिक शासन व्यवस्था के परिणाम-स्वरूप आदिवासी समाज में सदियो ंसे प्रचलित सामूहिक भू-स्वामित्व की मजबूत परम्परा छिन्न-भिन्न होनी प्रारंभ हुई।