11. लेकिन अनुवाद कितना ही बेहतर क्यों न हो, मूल कृति का महत्व कम नहीं हो जाता। 12. मूल कृति मैथिली में “अहींकें कहै छी” में संकलित ' महगी' से केशव कर्ण द्वारा हिंदी में अनुदित।13. गौर करें कि किसी दस्तावेज की अनुकृति बनाना दरअसल मूल कृति की छवि का स्थानान्तरण ही है। 14. गौर करें कि किसी दस्तावेज की अनुकृति बनाना दरअसल मूल कृति की छवि का स्थानान्तरण ही है। 15. गौर करें कि किसी दस्तावेज की अनुकृति बनाना दरअसल मूल कृति की छवि का स्थानान्तरण ही है। 16. एक सफल अनुवादक वही होता है जो अनुदित कृति में भी मूल कृति की नैसर्गिक अनुभूतियों को अपरिवर्तित रखे। 17. अमृतलाल नागर ने तो तामिल की मूल कृति से प्रेरणा पाकर ' सुहाग के नूपुर' की रचना की थी। 18. एक सफल अनुवादक वही होता है जो अनूदित कृति में भी मूल कृति की नैसर्गिक अनुभूतियों को अपरिवर्तित रखे। 19. जहाँ तक मूल कृति के प्रति निष्ठां का सवाल है वह उसके केन्द्रीय भाव के संरक्षण से जुड़ा है। 20. अगर तर्कसंगत तरीक़े से सोचा जाए तो अक्सर मूल कृति के पीछे विचार ज्यादा अहम् होता है न की कारीगरी।