11. जो लोग सामाम्न्य ग्रुप के हैं उन्हें भी रक्तशर्करा की जांच साल में एक बार करवा लेना चाहिए। 12. रक्तशर्करा कमने लगे तो बैचैनी, घबराहट, पसीना आने की शिकायत, कम्पन आदि होने लगता है।13. सगर्भता मध्यकाल से प्रसव तककई बार रक्तशर्करा परीक्षण करवा लेनी चाहिए क्योंकि सगर्भता काल में बहुधारक्तशर्करास्तर बदलता रहता है. 14. गर्भकालीन मधुमेह या पूर्वमधुमेह, ग्लूकोज़ असह्यता, या भूखे रहने पर रक्तशर्करा की अधिकता का पहले कभी किया गया निदान 15. हैं। अलसी में लिगनेन होता है जो रक्तशर्करा को नियंत्रण में रखता है तथा एक शक्तिशाली प्रदाहरोधी और प्रतिऑक्सीकारक है। 16. मसलन दवा खाते हुए उपवास या ज्यादा शारीरिक मेहनत की तो रक्तशर्करा काफी कम होने से बेहोशी हो सकती है। 17. रक्तशर्करा के स्तर को 10-20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेकर (या रक्त में प्राप्तकर) मिनटों में सामान्य तक ऊपर उठाया जा सकता है.18. नवजात रक्तशर्करा अल्पता कदाचित हीहोती है-जब तक नवजात की रक्तशर्करा २५ मिलीग्राम प्रतिशत न हो जाय उसे ग्लूकोजदेने के कोई लाभ नहीं. 19. नवजात रक्तशर्करा अल्पता कदाचित हीहोती है-जब तक नवजात की रक्तशर्करा २५ मिलीग्राम प्रतिशत न हो जाय उसे ग्लूकोजदेने के कोई लाभ नहीं. 20. इस 4. 04 कार्बोहाइड्रेट में 3.80 ग्राम फाइबर होता है जो न रक्त में अवशोषित होता है और न ही रक्तशर्करा को प्रभावित करता है।