11. उन सूक्ष्म विषयों का निर्णय केवल अपौरुषेय वेद रूप शब्द प्रमाण से ही संभव है। 12. उन सूक्ष्म विषयों का निर्णय केवल अपौरुषेय वेद रूप शब्द प्रमाण से ही संभव है। 13. ध्वनि रूप शब्द से अभिव्यक्त होने वाला अर्थ बोधक, बुद्धिस्थ शब्द संसार में सार्वजनिक है ही। 14. संस्कृत में विभक्तियों के रूप शब्द के अंत्य अक्षर के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं । 15. ध्वनि रूप शब्द से अभिव्यक्त होने वाला अर्थ बोधक, बुद्धिस्थ शब्द संसार में सार्वजनिक है ही। 16. आमतौर पर रूप में चेहरा या मुख ही पहचाना जाता है मगर रूप शब्द की अर्थवत्ता व्यापक है। 17. आमतौर पर रूप में चेहरा या मुख ही पहचाना जाता है मगर रूप शब्द की अर्थवत्ता व्यापक है। 18. शरीर में इसका रूप जान है और मस्तिष्काकाश में इसका रूप प्रकाश है, सुन्न में उसका रूप शब्द है । 19. आँख, कान, नाक, जिह्वा और त्वचा के द्वारा रूप शब्द गन्ध रस एवं स्पर्श का प्रत्यक्ष हम सबको होता है। 20. शरीर में इसका रूप जान है और मस्तिष्काकाश में इसका रूप प्रकाश है, सुन्न में उसका रूप शब्द है ।