11. शर्यात, अनार्त और रैवत जैसे कुलों से अनार्त में तीन अलग-अलग वंश चले। 12. मध्य में: स्वायम्भु, स्वरोचिष, औत्तमी, तामस मनु, रैवत , चाक्षुष। 13. रेव के पुत्र रैवत कुकुद्मी के समय में पुण्यजन राक्षसों ने कुशस्थली का नाश किया। 14. रेव के पुत्र रैवत कुकुद्मी के समय में पुण्यजन राक्षसों ने कुशस्थली का नाश किया। 15. आप महाभारत मे वर्णित राजा रैवत तथा उसकी पुत्री की कथा का उल्लेख कर रहे हैं। 16. चमकते पिंड में उन्हें बाप की अंगुली पकड़ घोड़ा सवार रैवत देवता दिखे और वे निहाल हो गये। 17. हिन्दू पुराण में महाभारत राजा रैवत की कथा है जो ब्रह्मा से मिलने के लिये यात्रा करता है। 18. / परिस्थिति वश रैवत ने रेवती नाम की अपनी बेटी को बलदेव जी से व्याह दी गई. 19. यहां उन्होंने रैवत के समय की कुशस्थली के पुण्यजनों को वहां से खदेड़कर जीर्णशीर्ण किले की मरम्मत करके वहां बस गए। 20. अब तक स्वयंभुव, स्वारोचित, उत्तम, तामस, रैवत और चाक्षुस नामक मुनियों के अंतर व्यतीत हो चुके हैं।