अष्टम अध्याय में, वाक्यगत शब्दों के द्वित्वविधान, प्लुतविधान एवं षत्व और णत्वविधान का विशेषत: उपदेश है।
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अष्टम अध्याय में, वाक्यगत शब्दों के द्वित्वविधान, प्लुतविधान एवं षत्व और णत्वविधान का विशेषत: उपदेश है।
13.
· शब्दबोध (वाक्य विलेषण)-संस्कृत शब्दों का अर्थगत व वाक्यगत विलेषण कंप्यूटर की सहायता से पारस्परिक अनुप्रयोग द्वारा किया जा सकता है।
14.
पद-परिचय-वाक्यगत शब्दों के रूप और उनका पारस्परिक संबंध बताने में जिस प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ती है वह पद-परिचय या शब्दबोध कहलाता है।
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· शब्दबोध (वाक्य विलेषण)-संस्कृत शब्दों का अर्थगत व वाक्यगत विलेषण कंप्यूटर की सहायता से पारस्परिक अनुप्रयोग द्वारा किया जा सकता है।
16.
अध्याय 21 पद-परिचय पद-परिचय-वाक्यगत शब्दों के रूप और उनका पारस्परिक संबंध बताने में जिस प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ती है वह पद-परिचय या शब्दबोध कहलाता है।
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अध्याय 21 पद-परिचय पद-परिचय-वाक्यगत शब्दों के रूप और उनका पारस्परिक संबंध बताने में जिस प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ती है वह पद-परिचय या शब्दबोध कहलाता है।
18.
' तात्पर्य वृत्ति' वाक्य के भिन्न भिन्न पदों (शब्दों) के 'वाच्यार्थ' को एक में समन्वित करने वाली वृत्ति मानी गई है अत: यह 'अभिधा' से भिन्न नहीं, वाक्यगत अभिधा ही है।
19.
समान अर्थ वाले शब्द, समान उच्चारण वाले भिन्नार्थक शब्द, वाक्यगत द्विअर्थकता, संदर्भ परक द्विअर्थकता, अस्पष्ट पद, संकेत, कहावते, मुहावरे, विकसित नए शब्द आदि ।
20.
पाणिनि के वर्णात्मक व्याकरण का प्रारंभ वाक्य को उक् ति / Utterance की अनुभाव्य इकाई मानकर किया गया है और पूरा व्याकरण वाक्यगत संबंधों के प्रत्यायन / Representation के रूप में बाँधा गया है।
वाक्यगत sentences in Hindi. What are the example sentences for वाक्यगत? वाक्यगत English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.