11. एक कल्याणकारी राज्य वही है जिसमें वितरणात्मक एवं प्रतिकारात्मक दोनों प्रकार के सामाजिक न्याय सन्निहित हों। 12. वितरणात्मक न्याय की आवश्यकता मनुष्यता के इसी चिर-परिचित स्वप्न को साकार करने के लिए पड़ती है.13. इस कारण हर विद्वान ने वितरणात्मक न्याय की संकल्पना अपनी वैचारिक कसौटी के आधार पर की है. 14. इन पदों का वितरणात्मक विश्लेषण करने से यह पता चलता है कि शब्दों कादो वर्गों में विभाजन किया जा सकता है. 15. उपर्युक्त से यह भी संकेत मिलता है कि सुखवादी विचारक वितरणात्मक न्याय को बाजार के भरोसे छोड़ देना चाहते हैं. 16. इसके अलावा कुछ और भी सुझाव हैं, जिनके आधार वितरणात्मक न्याय को हम निम्नलिखित उपधाराओं में बांट सकते हैं- 17. समाज विशेष के लिए वितरणात्मक न्याय की कौन-सी पद्धति श्रेष्ठ और प्रभावकारी होगी, इसके लिए भी सकारात्मक द्रष्टिकोण आवश्यक है. 18. यही क्यों अर्थशास्त्र के जितने भी लोकप्रिय सिद्धांत हैं, सभी वितरणात्मक न्याय पर विचार करते समय संद्धिग्ध लगने लगते हैं. 19. फिकी के पास विनिर्माण, वितरणात्मक व्यापार और सेवाओं के बडे़, मध्यम, छोटे और नन्हें क्षेत्रों से उद्यमों की एक विस्तारित और सीधी सदस्यता है। 20. वितरणात्मक न्याय की इस परिभाषा में असंतुलन का दोष है, क्योंकि कार्य के चयन की स्वतंत्रता को लेकर इसमें कोई उल्लेख नहीं है.