11. जो वह विधि विरूद्ध है और प्रश्नाधीन आदेश पारित कर गंभीर विधिक त्रुटि की है। 12. न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दि0-14-3-07. किसी तरह की कोई विधिक त्रुटि नहीं की गई है। 13. अतः अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अनोकानेक आधारों पर प्रश्नाधीन आदेश पारित कर विधिक त्रुटि की गई है। 14. अतः प्रश्नगत आदेश के अवलोकन से प्रश्नगत आदेश में कोई विधिक त्रुटि स्पष्ट नहीं होती है। 15. अवर न्यायालय के द्वारा यह अवधारित करके, कि सम्पत्ति षिनाख्त योग्य है, विधिक त्रुटि की है। 16. जिस पर अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दि. 21.11.06 को विधिक त्रुटि करते हुए प्रश्नगत आदेश पारित किया। 17. निम्न न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में किसी तरह की कोई विधिक त्रुटि नहीं पाई जाती है। 18. अतः मेरी राय में विद्वान अवर न्यायालय द्वारा आलोच्य आदेष पारित करके विधिक त्रुटि की गयी है। 19. अतः मेरी राय में आलोच्य आदेष पारित करके अवर न्यायालय के द्वारा एक विधिक त्रुटि की गयी है। 20. इस साक्ष्य के आधार पर भी योग्य अधीनस्थ न्यायालय ने निष्कर्ष निकालने में कोई विधिक त्रुटि नहीं है।