11. विधिक व्यक्तित्व की प्रकृति को स्पष्ट करने के लिए कई दार्शनिक सिद्धांत प्रस्तावित किए गए हैं।12. इसलिए संस्थान को विधिक व्यक्तित्व राज्य की विधि द्वारा ही प्राप्त होता है, स्वतंत्र रूप से नहीं। 13. इसलिए संस्थान को विधिक व्यक्तित्व राज्य की विधि द्वारा ही प्राप्त होता है, स्वतंत्र रूप से नहीं। 14. विधिक व्यक्तित्व सब व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होता, क्योंकि सब मुकदमा चलाने या चलवाने के योग्य नहीं होते।15. विधिक व्यक्तित्व सब व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होता, क्योंकि सब मुकदमा चलाने या चलवाने के योग्य नहीं होते।16. विधि या कानून जिन एककों को मुकादमा चलाने या जिनपर मुकदमा चलवाने की सुविधा देता है, उन्हें विधिक व्यक्तित्व ( 17. इन सिद्धांतों से यह स्पष्ट है कि ये विधिक व्यक्तित्व की केवल दार्शनिक व्याख्या अथवा सामूहिक व्यक्तित्व का राजनीतिक विवेचन मात्र हैं। 18. इन सिद्धांतों से यह स्पष्ट है कि ये विधिक व्यक्तित्व की केवल दार्शनिक व्याख्या अथवा सामूहिक व्यक्तित्व का राजनीतिक विवेचन मात्र हैं। 19. विधिक व्यक्तित्व उस व्यक्ति या संस्था को संसूचित करता है जिसको कानूनन करने या जिस पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया हो।20. विधिक व्यक्तित्व उस व्यक्ति या संस्था को संसूचित करता है जिसको कानूनन करने या जिस पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया हो।