11. पा कर राम नाम धन-राशी, घोर अविद्या विपद् विनाशी । 12. निर्जन वन विपद् हो घोर, निबड़ निशा तम सब ओर । 13. हर विपद् में सहारा देनेवाला अभिन्न मित्र खोकर नर एकाकी रह गया. 14. हर विपद् में सहारा देनेवाला अभिन्न मित्र खोकर नर एकाकी रह गया. 15. प्यारे स्वदेश के हित वरदान माँगता हूँ, तेरी दया विपद् में भगवान, माँगता हूँ। 16. विपदाओं से रक्षा करो-यह न मेरी प्रार्थना, यह करो: विपद् में न हो भय। 17. तब हम लोगों को और भी फिकर हुई कि तुझे कहीं किसी विपद् ने तो नहीं घेर लिया। 18. तब हम लोगों को और भी फिकर हुई कि तुझे कहीं किसी विपद् ने तो नहीं घेर लिया। 19. अखबार में यह समाचार पढ़कर अपनी आंखों पर विश्वास न कर सका कि आपके जीवन-साथी विपद् ग्रस्त होकर चल बसे। 20. (१) यज्ञायार्थ और (२) विपद् वारणाय, इन दो कार्यों के लिए ही शास्त्रकारों ने भिक्षा का विधान किया है ।।