11. शब्द की विपुलता से ही जीवन की विपुलता का बोध होता है जो अज्ञेय में सर्वाधिक है। 12. शब्द की विपुलता से ही जीवन की विपुलता का बोध होता है जो अज्ञेय में सर्वाधिक है। 13. महा प्रा का उपयोग जैन कवियों ने भी पुराण, चरित्, प्रबंध आदि रचनाओं में विपुलता से किया है। 14. शब्द की विपुलता से ही जीवन की विपुलता का बोध होता है और यह अज्ञेय में सर्वाधिक है। 15. शब्द की विपुलता से ही जीवन की विपुलता का बोध होता है और यह अज्ञेय में सर्वाधिक है। 16. शब्द की विपुलता से ही जीवन की विपुलता का बोध होता है और यह अज्ञेय में सर्वाधिक है। 17. दूधघी विपुलता से पैदा होता था, क्योंकि हर एक गांव में साफ चरागाहें थीं, इसलिए देश में बीमारियां न थीं। 18. उनकी कविता एकवचनीय स्थानीयता को बहुवचनीय विपुलता से भर देती है और विशाल कांपती हुई परिधि को जैसे केन्द्रीयता प्रदान करती है। 19. गुप्त काल में मुख पर इस प्रकार के बाल दिखलाना बंद हो गया, उन्हें कन्धों पर विपुलता से लहराते हुए दिखलाने लगे थे। 20. उनकी कविता एकवचनीय स् थानीयता को बहुवचनीय विपुलता से भर देती है और विशाल कांपती हुई परिधि को जैसे केन् द्रीयता प्रदान करती है।