संक्षेप यह कि भगवान ने कहा है-जो सुख-दुख, गर्मी-सर्दी, शत्रु- मित्र, मान-अपमान, निंदा-स्तुति आदि में समभाव में रहे, मुझे वह भक्त अत्यंत प्रिय है।
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द्वादश भाव: विवाह, विवाहेतर काम क्रीड़ा, क्राम क्रीड़ा या योन संबंधो से उत्पन्न रोग, काम क्रीड़ा कमजोरी, शयन सुविधा, शादी में नुकसान, नजदीकी लोगो से अलगाव, परस्पर वैमनस्य, गुप्त शत्रु-
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ऋग्वेद में सूर्योपासना के अनेकानेक प्रसंग हैं, जिनमें सूर्य से पाप-मुक्ति, रोग-नाश, दीर्घायुष्य, सुख-प्राप्ति, शत्रु- नाश, दरिद्रता-निवारण आदि के लिए प्रार्थना की गयी है।
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संक्षेप यह कि भगवान ने कहा है-जो सुख-दुख, गर्मी-सर्दी, शत्रु- मित्र, मान-अपमान, निंदा-स्तुति आदि में समभाव में रहे, मुझे वह भक्त अत्यंत प्रिय है।
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पवित्र क़ुरआन की व्याख्या करने वाले रहमान और रहीम के अर्थ को बयान करते हुए कहते हैं ” रहमान ईश्वर की उस विशेषता की ओर संकेत है जो सार्वजनिक है उसमें ईश्वर के शत्रु- मित्र, काफिर-मोमिन, भले और बुरे सब शामिल हैं क्योंकि हम यह जानते हैं कि ईश्वर की महाकृपा में सब सम्मिलित हैं और समस्त बंदे जीवन की विभिन्न अनुकंपाओं से लाभान्वित होते हैं और महान ईश्वर की विभूतियों व अनुकंपाओं के अंतहीन दस्तरखान से लाभ उठाते हैं।
शत्रु- sentences in Hindi. What are the example sentences for शत्रु-? शत्रु- English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.