11. श्रमिकसंघवाद के समर्थन के लिए भविष्य का स्पष्ट खाका भी उनके पास नहीं था.12. श्रमिकसंघवाद के दर्शन को बीसवीं शताब्दी के महानतम दार्शनिकों में से एक बर्ट्रेंड रसेल ने ‘13. बीसवीं शताब्दी के आरंभिक दशकों में इसे अराजकतावादी-श्रमिकसंघवाद भी कहा जाने लगा था. 14. इसका कारण संभवतः यह था कि श्रमिकसंघवाद आर्थिक उत्पादनकेंद्रों को अतिरिक्तरूप से महत्त्व देता है. 15. स्वयं श्रमिकसंघवाद में भी, उसके एक शताब्दी के इतिहास में अनेक परिवर्तन हुए हैं. 16. इसके बावजूद अराजकतावादियों के लिए श्रमिकसंघवाद अपने तात्कालिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सर्वोचित माध्यम है. 17. फ्रांस में श्रमिकसंघवाद का उदय असल में वहां की आर्थिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों की देन था. 18. हालांकि सहजीवितावाद, श्रमिकसंघवाद के समर्थकों की संख्या अमेरिका जैसे ठेठ पूंजीवादी देश में भी है. 19. श्रमिकसंघवाद के अराजकतावादी-साम्यवादी नजरिये को समझने के लिए हमें इतिहास की गोद में जाना पड़ेगा.20. कहा जा सकता है कि श्रमिकसंघवाद अधूरा दर्शन था, जिसके बारे में श्रमिकसंघवादी विचारक ही अस्पष्ट थे.