11. कपालीय तन्त्रिका) प्रकाश संवेद की तन्त्रिकाएँ हैं, जिसके द्वारा देखने का कार्य होता है। 12. उनके द्वन्द्व और संवेद पाठक को अपने ही जीवन का अंग प्रतीत होते हैं। 13. सुधाकर की जुबेदा का गुस्सा (संवेद -1) एक छोटी पर अच्छी कहानी है. 14. ‘‘ संवेद वाराणसी के अंक दस में प्रकाशित आपकी कहानी (अग्निरेखा) पढ़ी। 15. ये दूर संवेद उपग्रह मौसम की जानकारी के अलावा शैक्षणिक भूमिका भी निभाते हैं। 16. अगर हम समवेत रूप से हंस नहीं सकते तो संवेद रूप से रो ही लें। 17. ४८ साल की उम्र में बेचैनियाँ संवेद पुस्तिका के रूप में पाठकों के सामने आयी। 18. इस क्षेत्र में स्वाद संवेद ग्रहण किए जाते हैं और उनका विश्लेषण किया जाता है। 19. शिव कुमार के संवेद , दृश्य-स्थितियों को शब्दों में रूपांतरित करते हैं. 20. पर हिसाब से ही डालिएगा ' संवेद स्वीर में हमारी राय उनके सामने रख दी गयी.