11. पीछे से सारी कडिया पढने के बाद यह लाजवाब संसमरण लगा मुझे तो. 12. आज भी उस सरदारजी को खोजते हुए आपके अहसास आपके इस संसमरण में झलकते हैं। 13. उस पोस्ट को कहानी न मानकर संसमरण माने जाने का नोटिस जारी हो चुका है। 14. अपने बारे में सोचता हूँ तो तुम्हारे संसमरण जैसे जाने कितने वाकिए याद आते हैं.... 15. रूप सिंह जी के लिखे अनेक संसमरण इस विधा में उनकी अपार क्षमता का प्रतीक हैं । 16. आप के संसमरण इतने रोचक और सरल होते है कि मै उन्हे कई बार पढ जाता हूं । 17. आप के संसमरण इतने रोचक और सरल होते है कि मै उन्हे कई बार पढ जाता हूं । 18. सुन्दर संसमरण , मेरे मुहँ के वाक्य तो उड़न तशतरी जी ने लिख ही दिये,आपको बहुत,बहुत बधाई और शुभकामनायें । 19. कम से कम यह संसमरण पढकर मुझे लगा कि मेरी समवेदनाएँ मेरी बिटिया के लिये क्या मायने रखती हैं.. 20. क्या है इसमें, जो इसे यादगार यात्रा संसमरण बनाता है?'इंतजार करिये, इतनी भी क्या ज्लदी है-यह अगली बार।