11. उस समय मैं अपने शरीर से उत्पन्न शाकों द्वारा समस्त संसार का भरण पोषण करूँगी. 12. दशरथ बोले-“पाप पूर्ण विचार रखने वाली कैकेयी! तू समस्त संसार का अप्रिय करने वाली है। 13. दशरथ बोले-” पाप पूर्ण विचार रखने वाली कैकेयी! तू समस्त संसार का अप्रिय करने वाली है। 14. भक्ति समस्त संसार का धर्म है और कोई मत, सम्प्रदाय वा पंथ इसकी सहायता के बिना स्थिर नहीं रह सकता । 15. यह किसी से उत्पन्न न होने के कारण विकार रहित होती है, इसीलिए यह समस्त संसार का कारण है । 16. भक्ति समस्त संसार का धर्म है और कोई मत, सम्प्रदाय वा पंथ इसकी सहायता के बिना स्थिर नहीं रह सकता । 17. तीसरा स्वपन था समस्त संसार का एक संघ स्थापित होने का जिसका बाह्य आधार मानव-मात्र का उत्तम, समुज्ज्वल और शिष्ट जीवन हो। 18. इसी तथ्य को भगवान् श्रीकृष्ण द्वारा गीता में उपदेश की भाषा में वीर अर्जुन का ही नहीं वरन समस्त संसार का मार्गदर्शन प्रदान किया है 19. फिर थोड़ी देर में चेत होने पर उन्होंने कैकेयी से कहा-“पाप पूर्ण विचार रखने वाली कैकेयी! तू समस्त संसार का अप्रिय कने वाली है। 20. प्रलयकाल (सं.) [सं-पु.] 1. प्रलय का समय ; वह समय जब समस्त संसार का नाश हो 2.