11. थोड़ा आगे बढने पर किसी मंदिर के द्वार का सिरदल दिखाई देता है। 12. इस मंदिर के प्रवेश द्वार के सिरदल एक दूसरे के ऊपर दो स्थूल सज्जापट्टियाँ हैं। 13. इस मंदिर के प्रवेश द्वार के सिरदल एक दूसरे के ऊपर दो स्थूल सज्जापट्टियाँ हैं। 14. एक स्थान पर तो सिरदल के पत्थर को अधिष्ठान के फ़र्श में लगा दिया गया है। 15. सिरदल के ललाट पर पद्मासन में बैठी हुई गजलक्ष्मी के साथ दोनो तरफ़ शिव का अंकन है।16. द्वार के क्षैतिज सिरदल के मध्य ललाट बिंब पर गर्भगृह में स्थापित प्रतिमा का ही विग्रह होता है। 17. द्वार के क्षैतिज सिरदल के मध्य ललाट बिंब पर गर्भगृह में स्थापित प्रतिमा का ही विग्रह होता है। 18. शोडास के अभिलेखों में सबसे महत्वपूर्ण वो लेख है जो एक सिरदल (धन्नी) पर उत्कीर्ण है। 19. गर्भगृहों के द्वारों के ऊपर प्रस्तर निर्मित सिरदल शिला है जिनमें बुद्ध की जीवन कथा अंकित है । 20. यह सिरदल मथुरा छावनी के एक कुएँ पर मिली थी, जो कटरा केशवदेव से लाई गई प्रतीत होती है।