11. और इसके लिए हमें अपनी अवाम को उनका मजहब देखे बगैर सीने से लगाना है। 12. दिले बेताब को सीने से लगाना होगा आज परदा हैं तो कल सामने आना होगा 13. जिन्हें सीने से लगाना चाहिए, उन्हें आज भी इस देश में अछूत कहा जाता है! 14. ज़ख्म कभी भरता रहा, कभी रिसता रहा मुड़ के देखा तो बहोत था जिसे सीने से लगाना चाहा, 15. गले लगाना, आगोश में लेना, सीने से लगाना , चिपटाना जैसे भाव इसमें निहित हैं । 16. गो कि वह बीमार थी और उसे रोग लग गया था मगर उसको सीने से लगाना मेरा फर्ज था। 17. किसी को उम्र भर सर पर बिठानाबड़ी मुश्किल है यूँ रिश्ता निभानाहज़ारों ठोकरें मारीं हो जिसनेउसी पत्थर को सीने से लगाना 18. आज समय की पुकार है कि अपने जो छूट गये हैं उन्हें पुनः अपनाना होगा, सीने से लगाना होगा । 19. बरकरार रखिये इसे. “ दुश्मन को भी सीने से लगाना नहीं भूले, हम अपने बुजुर्गों का ज़माना नहीं भूले. ” 20. अपनी बाहें फैला कर बच्चे को अपने पास बुलाना, अपने सीने से लगाना , अपनी बाहों में झुलाना-प्यार का अवर्णीयऔर आनंदप्रद रूप है।