11. मृत्यु के बाद कुछ समय के लिए जीव की सूक्ष्म देह परिजनो के आस-पास ही घूमती रहती है। 12. शुमस्की कहती हैं कि “आपके सूक्ष्म देह , आपकी ऊर्जा क्षेत्र और संपूर्ण चक्र तंत्र का आधार प्राण है... 13. शुमस्की कहती हैं कि “आपके सूक्ष्म देह , आपकी ऊर्जा क्षेत्र और संपूर्ण चक्र तंत्र का आधार प्राण है... 14. दान देने से किसी को तृप्त करने के संस्कार रूपी बीज दानी की सूक्ष्म देह में समाविष्ट हो जाते हैं। 15. आपकी सूक्ष्म देह , आपका ऊर्जा क्षेत्र और संपूर्ण चक्र-तंत्र का आधार प्राण है, जो कि ब्रह्मांडमें जीवन और ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। 16. ऐसा माना जाता है कि सूक्ष्म देह के अंतर्गत सात प्रमुख चक्र या ऊर्जा केंद्र (जिसे प्रकाश चक्र भी माना गया) स्थित होते हैं. 17. [3] ऐसा माना जाता है कि सूक्ष्म देह के अंतर्गत सात प्रमुख चक्र या ऊर्जा केंद्र (जिसे प्रकाश चक्र भी माना गया) स्थित होते हैं. 18. मान्यता है कि यही सूक्ष्म देह सांसारिक आसक्ति की वजह से साल भर तक अपने मूल स्थान, घर और परिवार के निकट ही रहता है। 19. क्षेत्र में रहने वाले सिद्ध्जनों से संपर्क कर उनकी प्रत्यक्ष कृपा, सहयोग और ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है तथा प्रकाश युक्त छाया विहीन सूक्ष्म देह 20. लीलावती उनकी दिवगंता पुत्री थी और उसके चरितलेखन में तत्वचिंतन एवं धर्मदर्शन को प्रधानता देते हुए उन्होंने सूक्ष्म देह की गतिविधि को प्रस्तुत किया है।