11. उन्हें बुद्धि और अंतरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए । 12. उन्हें बुद्धि और अन्तरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए । 13. उन्हें बुद्घि और अन्तरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए । 14. उन्हें बुद्धि और अन्तरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिये । 15. उन्हें बुद्धि और अंतरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए । 16. भांग पीकर लोगों का बर्ताव निराला हो जाता है और वह अलग-अलग तरीके से बर्ताव करना शुरू कर देते हैं। 17. उन्हें बुद्घि और अन्तरा त्मा की देन प्राप्त है और परस्प र उन्हें भा ईचा रे के भा व से बर्ताव करना चा हि ए । 18. जाहिर जब कोई नियम और नैतिकता का उल्लंघन करने में स्वाद लेने लगे तब उसके साथ उसकी नीति से बर्ताव करना , उसे मजा या स्वाद चखाना ही तो कहलाएगा न!!!