11. स्मृतिकार आचार्य मनु कहते हैं कि सब ज्ञानों मे आत्मज्ञान ही श्रेष्ठ है।12. इस क्रम में स्मृतिकार मनु ने कहा है कि-अङग्ुष्ठमूलस्य तले ब्राह्मतीर्थ प्रचक्षते। 13. धर्मशास्त्र ओर स्मृतिकार मात्र अंत्यजों को ही चिकित्सा कर्म की अनुमति देते हैं। 14. मुख्य स्मृतिकार ये हैं और इन्हीं के नाम पर इनकी स्मृतियाँ है- 15. मनु आदि स्मृतिकार बेवकूफ नहीं थे कि दण्ड-न्याय को इतना महत्त्व दे गये। 16. कुछ स्मृतिकारों ने नारद का नाम सर्वप्रथम स्मृतिकार के रू प में माना है। 17. कुछ स्मृतिकारों ने नारद का नाम सर्वप्रथम स्मृतिकार के रू प में माना है। 18. ‘लोकों से स्पष्ट है कि स्मृतिकार की दृष्टि में केवल विधिरहित वध का निषेध है। 19. विवाह की इन सभी विधाओं को मनु जैसे कट्टरपंथी स्मृतिकार के द्वारा मान्यता दिया जाना। 20. कुछ लोग यम को धर्मशास्त्रों का व्याख्याकार मानते हैं और कुछ उन्हें स्मृतिकार कहते हैं।