11. स्वप्रतिपिंडों का प्रयोग कई स्वप्रतिरक्षी रोगों के निदान के लिये किया जाता है. 12. स्वप्रतिपिंडों का प्रयोग कई स्वप्रतिरक्षी रोगों के निदान के लिये किया जाता है. 13. इससे स्वप्रतिरक्षी रोग से ग्रस्त मेजबान को सौभाग्यवश लाभ मिल सकता है. 14. स्वप्रतिरक्षी रोग के उपचार पारम्परिक रूप से प्रतिरक्षाशामक, शोथविरोधी, या सांत्वनात्मक रहे हैं.15. कई स्वप्रतिरक्षी रोगों में जीनों के तीन मुख्य सेट होने का संदेह है. 16. संक्रामक रोगों और स्वप्रतिरक्षी रोगों के बीच एक रूचिपूर्ण विलोम संबंध मौजूद होता है. 17. जननिक रूप से संवेदनशील लोगों में स्वप्रतिरक्षी रोग सदैव ही विकसित नहीं होते हैं. 18. स्वप्रतिपिंडों का प्रयोग कई स्वप्रतिरक्षी रोगों के निदान के लिये किया जाता है. 19. कुछ लोगों में स्वप्रतिरक्षी रोग होने की जननिक रूप से अतिसंवेदनशीलता होती है. 20. संक्रामक रोगों और स्वप्रतिरक्षी रोगों के बीच एक रूचिपूर्ण विलोम संबंध मौजूद होता है.