21. इसलिये पहली पंक्ति जहाँ हर्ष सुख प्रदान करती है-ईस्वर अंस जीव अबिनासी । 22. सोगी पार्क ” (गीला वेस्तिद मसल तिस्यु सा शुकर m a अंस ). 23. तेज तम अंस पर, कान्हा जिमी कंस पर, त्यों म्लेच्छ वंश पर, शेर शिव राज हैं। 24. जो रहीम पगतर परो, रगरि नाक अरु सीस निठुर आगे रोयबो, अंस गारिबो खीस 25. भूषण वितुंड पर जैसे मृगराज है ॥ तेज तम अंस पर कन्ह जिमि कंस पर । 26. तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर, त्यों मलेच्छ बंस पर सेर सिवराज हैं 27. दोनों अंस ' हिंतुस्तानी ऐंड इंग्लिश डिक्शनरी' तथा 'इंग्लिश ऐंड हिंदुस्तानी डिक्शनरी ' एक साथ प्रकाशित किए गए । 28. हिन्दी में-संस्कृति में घुल रहा, कैसा कोढ़िया अंस घर-घर में रावण जन्म लिया, गांव-गांव में कंस। 29. मुझे तुलसीदास याद आ गये! उन्होंने जीवमात्र में ईश्वर का अंश देखा था-‘ईस्वर अंस जीब अबिनासी'। 30. (शेष आगेके ब्लॉगमें)-‘ सत्यकी खोज ' पुस्तकसे टिपण्णी-* ‘ ईश्वर अंस जीव अविनाशी ।