21. वादी / अपीलार्थी का यह वाद भी एकपक्षीय रूप से आज्ञप्त हुआ व विवादित भूमि पर वादी का अध्यासन पायागया। 22. वादी द्वारा पहले से ही बेनाप भूमि व वन पंचायत की भूमि में अवैध अध्यासन किया गया है। 23. अध्यासी ने रू0 1200 /-वार्षिक लाभ उठाया है और उसमें चालान की तिथि से 6 माह पूर्व का अध्यासन पाया। 24. ६ ३ ० हेक्टेयर भूमि जो कि सार्वजनिक उपयोग की है में गोपाल सिंह बिष्ट ने अप्राधिकृत अध्यासन करा लिया है। 25. अतः विवादित भूमि संख्या 1330 के प्रत्येक इंच पर वादी तथा प्रतिवादी संख्या 3 व 4 का स्वामित्व व अध्यासन है। 26. प्रश्नगत भूमि पर अपीलांट द्वारा कोई भी अवैध स्थाई निर्माण नहीं किया गया है और न ही अवैध अध्यासन किया गया है। 27. उक्त चालानी रिपोर्ट से यह विदित होता है कि अध्यासी / अपीलार्थी द्वारा राज्य सरकार की भूमि पर अप्राधिकृत रूप से अध्यासन किया हुआ है। 28. में पूर्व से ही आठ मु0 भूमि में अध्यासी का मकानबना है तथा अतिरिक्त भूमि में राजन सिंह द्वारा अध्यासन किया गया है। 29. विद्वान बिहित प्राधिकारी ने अपने निणर्य में उक्त भूमि को राज्य सरकार की मानते हुये उस पर अपीलार्थी का अप्राधिकृत अध्यासन माना है। 30. प्रतिवादी को आदेशित किया जाता हैकि वह वादग्रस्त भवन को निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर खाली करके, अध्यासन वादिनी का दे दें।