21. यदि समीकरण में अबीजीय (transcendental) फलन आते हैं, तो वक्र अबीजीय वक्र कहलाता है। 22. इसके विपरीत ऐसे फलन जो बीजीय न हों, अबीजीय फलन (transcendental function) कहलाते हैं। 23. किसी बिमीय राशि पर कोई भी अबीजीय संक्रिया करने से अर्थहीन परिणाम प्राप्त होते हैं। 24. किसी बिमीय राशि पर कोई भी अबीजीय संक्रिया करने से अर्थहीन परिणाम प्राप्त होते हैं। 25. विभिन्न शांकव बीजीय वक्रों के और चक्रज (cycloid), कैटिनरी (catenary) आदि, अबीजीय वक्रों के उदाहरण हैं। 26. अबीजीय को साबित किया और फर्डिनेंड वॉन लिंडेमन (1882) ने हर्मिट के निष्कर्ष से शुरू करते हुए,27. किन्तु युगपत समीकरणों के समूह में कुछ या सभी समीकरण अरेखिइय या अबीजीय (जैसे त्रिकोणमित्तिय) हो सकते हैं। 28. बिमीय विश्लेषण में आने वाले अबीजीय फलनों के कोणांक (argument) बिमारहित होने चाहिये अन्यथा वे निरर्थक (absurd) होंगे। 29. उस फलन को अबीजीय फलन (transcendental function) कहते हैं जो किसी बहुपदीय समीकरण को संतुष्ट नहीं कर सकता। 30. किन्तु युगपत समीकरणों के समूह में कुछ या सभी समीकरण अरेखिइय या अबीजीय (जैसे त्रिकोणमित्तिय) हो सकते हैं।