21. फिर उस सम् बन् ध को प्राप् त करने के लिये अभिधेय बताया गया। 22. अर्थ मर जाता है और अभिधेय बन जाता है तब उस शब्द की रागोत्तेजक 23. कई स्तरों पर हों पर कोई एक स्पष्ट या प्रधान या अभिधेय अर्थ न पाया 24. जो अभिधेय है, वह प्रमेय है और जो प्रमेय है, वह पदार्थ है। 25. अब उस अर्थ का चमत्कार मर गया है, अब वह अभिधेय हो गया है। 26. तो एक भक्ति आपको करनी है, वह अभिधेय जिसे मैं बार-बार कह रहा हूं-साधना। 27. प्रकृष्ट ईक्षण, जिसमें अन्तश्चक्षुओं द्वारा देखना या मनन करके सोपपत्तिक निष्कर्ष निकालना ही दर्शन का अभिधेय है। 28. प्रकृष्ट ईक्षण, जिसमें अन्तश्चक्षुओं द्वारा देखना या मनन करके सोपपत्तिक निष्कर्ष निकालना ही दर्शन का अभिधेय है। 29. प्रकृष्ट ईक्षण, जिसमें अन्तश्चक्षुओं द्वारा देखना या मनन करके सोपपत्तिक निष्कर्ष निकालना ही दर्शन का अभिधेय है। 30. प्रकृष्ट ईक्षण, जिसमें अन्तश्चक्षुओं द्वारा देखना या मनन करके सोपपत्तिक निष्कर्ष निकालना ही दर्शन का अभिधेय है।