21. अत: इस सिद्धांत पर, स्थैतिक आर्मेचर और परिभ्रमण क्षेत्र द्वारा वोल्टता जनित हो सकती है। 22. इन सिरों को दो ब्रुश द्वारा ऐसे जोड देते हैं कि आर्मेचर के घूम जाने पर 23. में बल बाहर कि ओर लगेगा| परिणाम स्वरुप आर्मेचर घूम जाएगा| जैसे ही आर्मेचर कि स्थिति 24. में बल बाहर कि ओर लगेगा| परिणाम स्वरुप आर्मेचर घूम जाएगा| जैसे ही आर्मेचर कि स्थिति 25. सामान ध्रुव एक दुसरे के विपरीत रखे गए, इन्हें डिस्क आर्मेचर के प्रत्येक साइड पर रखा गया. 26. अत: इस सिद्धांत पर, स्थैतिक आर्मेचर और परिभ्रमण क्षेत्र द्वारा वोल्टता जनित हो सकती है। 27. यह वोल्टता प्रत्यावर्ती प्ररूप की होगी और आर्मेचर चालक तथा क्षेत्र की सापेक्ष स्थिति पर निर्भर करेगी। 28. है, क्योंकि हम पहले कहा था, की भयावहता के प्रति चरण आर्मेचर चालू है, 29. एक संतुलित स्थिति में आर्मेचर थामे रहने के लिए बहुत सख्त प्रत्यावर्तित बल की आवश्यकता होती है. 30. इनमें क्षेत्र चुंबक और कुंडलियाँ परिभ्रमणशील बनाई जाती हैं तथा आर्मेचर उनको बाहर से घेरे होता है।