21. पंच इन्द्रीय उद्यान का एक लम्बे एक्स्पोज़र द्वारा लिया हुआ रात्रि दृश्य का छाया चित्र 22. विवेक यहाँ साफ कहता है कि अधिक इन्द्रीय समर्थ जीव की हिंसा अधिक क्रूर होगी। 23. उस जगह के घातों-प्रतिघातों के प्रति सदा छठी इन्द्रीय जाग्रत रखे हुए ' जमना' 24. विवेक यहाँ साफ कहता है कि अधिक इन्द्रीय समर्थ जीव की हत्या, अधिक क्रूर होगी। 25. जहाँ इन्द्रीय , मन बुद्धि सब एक होकर नम्रता रूप भाव अनुभव से झुकते हैं.. 26. हिन्दू धर्म के मतानुसार किसी भी प्रकार के इन्द्रीय सुख भोगने में कोई पाप नहीं है। 27. पर छठी इन्द्रीय ने सतर्क किया कि वे एक अवतार के जनक हैं और उन्हें अपनी 28. अतः नाम जप इन्द्रीय मन व बुद्धि को एक करके भगवान मय होने के लिए है.. 29. यह बहुत सही घटना है जो इन्द्रीय लोलुपता और परस्पर विरोधी भावनाओं को आपस में जोड़ती है। 30. जीव के एकेन्द्रीय से पंचेन्द्रीय श्रेणी के आधार उसके इन्द्रीय अव्यव नहीं है, उसकी शक्तियाँ है।