21. उरोस्थि के बीच दर्द होना तथा धीरे-धीरे दर्द का पूरे छाती में फैल जाना।22. गले के पार्श्व में एक बड़ी पेशी कान के पीछे कर्णमूल से उरोस्थि ( 23. अनाहत चक्र उरोस्थि (sternum bone) के पीछे हृदय के पास स्थित होता है। 24. ओर उरोस्थि की ऊर्ध्व धारा शल्यचिकित्सक के लिये विशेष पेशियाँ ये हैं: चिबुककंठिका ( 25. इनके अलावा 5 जोड़े उरोस्थि के साथ नहीं मुड़ते तथा इन्हें अयथार्थ पशुंर्काएं कहा जाता है। 26. उरोस्थि के पीछे दबाव महसूस होता है और जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है।27. इन दो उंगलियों में, उरोस्थि के निचले तीसरे पर अपने दूसरे हाथ की एड़ी जगह होगी. 28. सूखी खांसी के साथ सांस नली में कर्कशता तथा उरोस्थि के पीछे जलन के साथ दर्द होना। 29. उरोस्थि नाव के आकार की और कूट (कील)-विहीन है; कहीं मांसपेशियों के जुड़ने के चिह्न भी नहीं हैं।30. उरोस्थि में भली भाँति विकसित तल दंड होता था तथा कुररी पक्षी की भाँति वे तेज उड़ाकू होते थे।