21. दोनों पैर समानांतर होते हैं और दाहिनी एड़ी ज़मीन से ऊपर उठी हुई होती है. 22. ऐसी उदारता के साथ, जो अपने परिवार जाति और संप्रदाय से ऊपर उठी हुई हो! 23. दोनों पैर समानांतर होते हैं और दाहिनी एड़ी ज़मीन से ऊपर उठी हुई होती है. 24. ऊपर उठी हुई जांघें जब चौड़ी की गयी तब पूर्वी की भोस ठीक से दिखाई दी।25. जबकि वृक्षों का शीर्ष भाग त्रिकोण अथवा ऊपर उठी हुई ठूठ सी त्रिशाखाओं से युक्त है। 26. लंबी, चौड़ी और भैंस की सींगों जैसी ऊपर उठी हुई मूँछों को देखकर हमने कहा, “चाचा, 27. उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जान बूझ कर ऐसा किया था. 28. सागर और मेरी मित्रता की डोर ‘ पद-प्रतिष्ठा-अहम ‘ आदि से बहुत ऊपर उठी हुई है। 29. जब आया तो मैंने देखा कि दीदी की नाईटी ऊपर उठी हुई थी और उसकी जांघ दिख रही थी। 30. वह अपनी क्लासिकी बुनावट, संदृष्टि घनत्व, अर्थ-वक्रता तथा बहुस्तरीयता के कारण जरा-मरण के भय से ऊपर उठी हुई है।