21. हाँ यही एक रूपता सार है जिन्दगी की, वरना एक कदम भी आगे रखना बहुत मुश्किल होता… 22. जब वेद ही सब धर्मों का मूल है तो फिर विभिन्न धर्मों में एक रूपता क्यों नही है। 23. अनुभव करना शुरू कर दिया भारत के कुछ एक रूपता एक लहर में उत्पादन शुरू किया है । 24. “हिन्दू क्यों? ” “सर पूजा-अनुष्ठान, देवी-देवता, तंत्र-मंत्र बहुत कुछ हिन्दू समाज के चलन से एक रूपता रखता दिखता है।” 25. रूपक में एक पदार्थ में दूसरे का आरोपण, अभेद-स्थापन होता है या एक रूपता की स्थापना होती है। 26. और योग का मतलब होता है सृष्टि से और ईश्वर अर्थात सत्य से एक रूपता प्राप्त करना. 27. समय के साथ नये शब्द भी सम्मिलित होते हैं और भाषा में उतनी एक रूपता नहीं रह पाती. 28. 1917 ई 0 में दस्तुरुल अमल कस्टम रियासत सीतामऊ पारित कर मेहसूल की दरों में एक रूपता लायी गयी । 29. शुक्रिया हसीब भाई, एक दो दिन में अगला लेख गीता और कुरान की एक रूपता पर पोस् अ करूंगा। 30. स्वामी विवेकानन्द मानवीय आचार-विचार में अनेकता को विशेष महत्त्व देते थे और उनमें एक रूपता लाने के विरुद्ध थे ।