21. इस लेख में ऐतिहासिक भौतिकवाद के परिप्रेक्ष्य में द्वंद्वात्मक प्रणाली की बात है। 22. पुस्तक में उसने ‘ ऐतिहासिक भौतिकवाद ' की अवधारणा प्रस्तुत की थी. 23. मार्क्स के ऐतिहासिक भौतिकवाद द्वंदात्मक भौतिकवाद से स्वामी जी को लेना-देना न था। 24. अपने प्रारंभ से ही ऐतिहासिक भौतिकवाद बुद्धिजीवियों की आलोचनाओं-प्रत्यालोचनाओं का शिकार रहा है. 25. ऐतिहासिक भौतिकवाद हमें बताता है कि मानव विकास की मंज़िलें क्या क्या हैं..26. इन यथार्थवादी दृष्टिकोण, उदारवाद, रचनावाद, दुनिया सिस्टम सिद्धांत और अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक भौतिकवाद शामिल हैं. 27. इसी संदर्भ भारत के ऐतिहासिक भौतिकवाद को लेकर सैद्धांतिक सवाल खडे हुए हैं. 28. के ज्ञान से ऐतिहासिक भौतिकवाद का विकास होता है, साहित्य की परंपरा के ज्ञान 29. यही कारण है कि आज द्वन्द्वात्मक तथा ऐतिहासिक भौतिकवाद को मार्क्सवाद-लेनिनवाद-माओ विचारधारा कहते हैं। 30. इन यथार्थवादी दृष्टिकोण, उदारवाद, रचनावाद, दुनिया सिस्टम सिद्धांत और अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक भौतिकवाद शामिल हैं....