21. इसी दिन चावलों से भरे शंख को किसी कुएं, तालाब अथवा नदी आदि में कच्चा सूत बांध् ाकर लटका दें। 22. शनिवार को सांयकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर ७ बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। 23. -शनिवार को सांयकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर ७ बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। 24. दीपावली की रात्रि में कच्चा सूत ले कर, उसे शुध्द केसर से रंग कर, अपने कार्य स्थान में रखने से उन्नति होती है। 25. रोज प्रातः इतवार को छोड़कर दूध जल चीनी मिलाकर पीपल की जड़ में प नी डालें तथा कच्चा सूत लपेटें और ज योति जलाएं। 26. जल, फूल, मोली, रोली, कच्चा सूत , भिगोया चना, तथा धूप दीप से बरगद की पूजा की जाती है। 27. -शनिवार को सायंकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। 28. बरगद के पेड़ के फेरे लगा कर उसमें कच्चा सूत बांधती थीं और फ़िर पूरी पलटन घर वापस...और फ़िर खुलता था पिरकिया का डब्बा । 29. (अं) केला: बृहस्पतिवार को स्रियाँ सौभाग्य-कामना से गुड़ और चने की दाल से केले की पूजा करती हैं तथा कच्चा सूत लपेटकर परिक्रमा करती हैं। 30. आप ने बकायदा जमाने को बेपरदा करने की मुहिम छेड़ रखी है, ठान लिया है कि कहीं किसी के तन पर कच्चा सूत भी नहीं रहने दूंगा।