21. वह उसके सामने आया और गले में कण्ठी बाँधकर बोला-बोलो ‘ बु (म् शरणम् गच्छामि ' । 22. वैष्णव दीक्षा से दीक्षित साधु संत, तथा गृहस्थी भक्तजन इसे कण्ठी के रूप में भी धारण करते हैं। 23. और उसी गत्ती भगत की उस दिन कण्ठी टूट गयी, यह क्या कोई मामूली अफ़सोस और ताज्जुब की बात थी? 24. फिर उसने कण्ठी भी अपने मन से, अपने बुरे आचरणों, असामाजिक कार्यों को छोडने की घोषणा करके नहीं पहनी थी। 25. जंघा के ऊपर कण्ठी भाग की सीधी भित्ति शिखर का रुप धारण करने के लिए कोण का निर्माण करती है। 26. गत्ती के गले में कण्ठी देखकर, लोगों ने पूछा-ताँछा, तो गत्ती ने रात की कथा सब को खुश-खुश सुना दी। 27. जया बाहर आ गई, चन्दन का टीका माथे पे लगा, तुलसी की नई कण्ठी , धुली धोती पहन । 28. आज भी गुरु नामधारी पण्डित जी गले में कण्ठी पहनाकर और कान में मन्त्र सुनाकर ‘ गुरु दीक्षा ' देते हैं। 29. जनेऊ की जगह पर कण्ठी गले में धारण करके महिलायें द्विजत्व प्राप्त कर लेती हैं और गायत्री अधिकारिणी बन जाती हैं। 30. इस निमित्त तुलसी, रुद्राक्ष या किसी और पवित्र वस्तु के दानों में कण्ठी के सूत्रों को पिरो दिया जाता है ;