21. -सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा करयोग्य आय वालों के लिए ई-रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। 22. :-मान लीजिए रोहन आप एक ऐसे व्यक्तिगत करदाता हैं, जिसकी सालाना करयोग्य आमदनी 1 करोड़ रुपये है। 23. नियोक्ता द्वारा किए गए अंशदान (कंट्रीब्यूशन) को कर्मचारी को प्राप्त करयोग्य परिलब्धियों के मूल्य में नहीं जोड़ा गया है. 24. राज्य सरकार ने करयोग्य सभी वस्तुओं पर वैट फॉर्म 47 और 49 अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है। 25. 1. 1.2004 से लागू नई पेंशन पॉलिसी में पेंशन में नियोक्ता का अंशदान, कर्मचारी की करयोग्य आय में जुड़ेगा या नहीं। 26. लागू दरों से करें कर देयता की गणना करयोग्य आय पर लागू दरों से देय आयकर की गणना करनी चाहिए। 27. कुल करयोग्य आय छूट सीमा से नीचे, लेकिन कुल आय इस सीमा से अधिक है तो रिटर्न दाखिल करना होगा। 28. भ्रष्टाचार बढ़ेगा: व्यापारियों का कहना है कि वैट-47 और वैट-49 को सभी करयोग्य वस्तुओं पर अनिवार्य करने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। 29. हालांकि कई बार ये जरूरी होता है कि दान दी जा रही राशि आपकी करयोग्य आय में से दी जा रही हो। 30. उसने इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में 50 हजार रुपए का भुगतान किया है तो ऐसे में उसकी करयोग्य आय एक लाख रुपए हो जाएगी।