21. किसी भी महिला के लिए उसके चरित्र को कलंकित करना , उसके जीवित अस्तित्व को अग्नि समाधि देने के तुल्य है। 22. महान साहित्यकार शरतचंद ने कहा है कि “ संसार का सब से आसान कार्य किसी स्त्री को कलंकित करना है ….. ” 23. झुण्ड बनाकर घूमना मिट्टी में मिला देना आच्छादित भ्रम पैदा होना कलंकित करना दूषित करना कोहरा बिगड़ी हुई भाषा / लेख/डेटा आदि चित्ती बोझत्म कर देना 24. ऐसे में किसी एक राजनीतिक विचार को (वामपंथ) को मुख्यधारा मानकर कलंकित करना एक तरह का हिन्दुस्तानी मैकार्थीवाद होगा जो कोई स्वस्थ प्रजातांत्रिक बात नही। 25. झूठ के पाँव नहीं होते यह जान कर भी आप न जाने क्यों आने वाले समय के लिए अपने को कलंकित करना चाहते हैं । 26. एसी हालत मे विचार शील विद्वान स्वंय सोच सकते है कि जयचन्द को हिन्दू साम्राज्य का नासक कह कर कलंकित करना कहाँ तक न्यायोचित है । 27. रिश्तों को कलंकित करना , जैसे कलयुग के हिस्से में ही है, कभी कोई कलयुगी बेटा हो जाता है तो कोई कलयुगी बाप बन जाता है। 28. ऐसे में किसी एक राजनीतिक विचार को (वामपंथ) को मुख्यधारा मानकर कलंकित करना एक तरह का हिन्दुस्तानी मैकार्थीवाद होगा जो कोई स्वस्थ प्रजातांत्रिक बात नही। 29. इन नई परिस्थितियों का फायदा उठा कर ऐसी ताकतें सक्रिय हो उठीं जिसने सोवियत यूनियन के पूरे इतिहास के साथ-साथ समाजवाद को भी कलंकित करना शुरू कर दिया। 30. वह न तो मानिनी का मान भंग करना चाहता है, न सौन्दर्य को कलंकित करना चाहता है और न ही महेन्द्र से कुहनी बाजी करना होता है।