21. समकालीन भारतीय कला आलोचना में, दुर्भाग्य से राजस्थान के बहुतेरे अर्थ-सम्पन्न और सशक्त कलाकारों की बहुत उपेक्षा हुई है। 22. कला आलोचना भी साहित्यिक आलोचना का अंग है, साहित्यिक आलोचकों का उस पर लिखने का दायित्व तथा अधिकार है।23. आर “हाइडेगर और कला के कार्य की उत्पत्ति: एक व्याख्या,”, सौंदर्य और कला आलोचना 257 (1973 शीतकालीन) के 32 जर्नल. 24. कला आलोचना के बारे में ग्रीनबर्ग ने यह भी कहा कि वस्तुनिष्ठ आलोचना वही है जो सहमति तैयार करे.25. हम यह मानते हैं कि समकालीन भारतीय कला आलोचना में, राजस्थान के बहुतेरे अर्थ-सम्पन्न और सशक्त चित्रकारों की बहुत उपेक्षा हुई है। 26. फ्रांस की एक नई कला आलोचना शैली पर बात की, जिसमें रात में छायाओं का विश्लेषण करके उनके नए आशय तलाशे जाते हैं। 27. स्टाफ की टीम भी महत्वपूर्ण सिद्धांत, कला इतिहास, कला का दर्शन, कला आलोचना और पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेषज्ञता है. 28. मुझे इस बात का गहरा अफसोस रहेगा कि सैद्धांतिक सहमति के बावजूद कला आलोचना का कोई राष् ट्रीय पुरस् कार शुरू नहीं हो सका। 29. इस प्रतिक्रिया को पढ़ने पर मुझे लगा कि जोशी जी को कला आलोचना की ‘ भाषा ' गढ़ने की चिंता कम, दूसरी चीजों की ज्यादा है। 30. यह केवल बाद में कला आलोचना और कला के इतिहास है कि यह प्रतिमान परिभाषित सत्य और वास्तव में यह काम है, के रूप में पहचान है.