21. (७) कला कला के लिए (८) कला जीवन के लिए (लिंक) और (९) मूल्य सिद्धांत की चर्चा की थी। 22. हम कोई प्रसिक्छनमंच नही चलाते, न कला कला के लिए मानकर उछ्र्न्खल और दुरूह प्रयोग करते रहते हैं । 23. हम कोई प्रसिक्छनमंच नही चलाते, न कला कला के लिए मानकर उछ्र्न्खल और दुरूह प्रयोग करते रहते हैं । 24. कला कला के लिए “ या ” साहित्य स्वान्तः सुखाय के लिए ” की बहस सैकडो वर्ष पुरानी हो गयी ।25. कला कला के लिए और कला समाज के लिए की दो बहसें हैं इनमें आप अपनी पक्षधरता कहां पाते हैं?26. वह कला को स्वांत: सुखाय या कला कला के लिए नहीं, बल्कि जीवन के लिए, बहुजन के लिए अपनाता है। 27. ' शिव ' अर्थात ' सर्व कल्याणकारी, ' कला कला के लिए ' का पाश्चात्य सिद्धांत पूर्व को स्वीकार नहीं हु आ. 28. एक आंदोलन चला पहले कला में फिर साहित्य में कि ‘ कला कला के लिए है ' समाज से उसका कुछ लेना देना नहीं है. 29. जैसे कहा जाता है कि कला कला के लिए , कला जीवन के लिए. सही बात कही केवल राम ……………ये तो निर्धारित करना ही होगा । 30. उनकी कला कला के लिए नहीं है, इस जीवन के अनंत आयामों में विन् यस् त है, वहीं से प्रगट और अभिव् यक् त है।