21. कशेरुक दण्ड मनुष्य के शरीर के लिए निम्न कार्य करता है:-22. बंधकमय अस्थि, लंबी अस्थियों और कशेरुक के छोर पर स्थित स्पंजनुमा अस्थि है. 23. मेरु कशेरुक नलिका में स्थित रहता है तथा मस्तिष्कावरणों से आवृत रहता है। 24. अतिरिक्त भित्ति के नीचे का भाग स्क्लियरोटोम (Sclerotome) बनाता है जिससे कशेरुक बनते हैं। 25. सीधे खड़ा होने पर भी कशेरुक दण्ड पूर्णतः सीधी स्थिति में नहीं होता है। 26. बंधकमय अस्थि, लंबी अस्थियों और कशेरुक के छोर पर स्थित स्पंजनुमा अस्थि है. 27. अनुमष्तिष्क, ग्रीवा कशेरुक और तालू पर इसी नक्षत्र का अधिकार होता है! 28. बंधकमय अस्थि, लंबी अस्थियों और कशेरुक के छोर पर स्थित स्पंजनुमा अस्थि है. 29. सभी कशेरुकाओं के ये रन्ध्र मिलकर कशेरुक दण्ड की कशेरुकीय या तन्त्रिकीय नाल बनाते हैं। 30. शिरा उदर से प्रारंभ होकर वक्ष में आकर, चौथे कशेरुक पर ऊर्ध्वमहाशिरा में खुल जाती हैं।